Friday, 27 June 2025

नर्मदा परिक्रमा और प्रमुख ऋषियों, साधु, संतों द्वारा की गई परिक्रमा का उल्लेख विस्तार से जाने -


नर्मदा परिक्रमा और प्रमुख ऋषियों, साधु, संतों द्वारा की गई परिक्रमा का उल्लेख विस्तार से जाने -

भारत में नर्मदा नदी के तटों पर स्थित अनेक तीर्थ और धार्मिक स्थल हैं, जो भक्तों को अध्यात्म और साधना के शिखर पर पहुँचाते हैं। इस यात्रा में श्रद्धालु लगभग 2600 किलोमीटर का सफर तय करते हैं, अमरकंटक या ओंकारेश्वर से शुरू होकर यात्रा फिर वहीं समाप्त होती है। माना जाता है कि ऋषि मार्कण्डेय ने सबसे पहले नर्मदा की परिक्रमा की थी और इस परंपरा का प्रारंभ किया था। परिक्रमा करने वाले श्रद्धालु नर्मदा को अपनी दाहिनी ओर रखते हुए चलते हैं और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों का पालन करते हैं।

नर्मदा परिक्रमा भारतीय संत परंपरा में एक अत्यंत पवित्र यात्रा मानी जाती है। यह परिक्रमा नर्मदा नदी के तटों पर बसे संतों और महान आत्माओं द्वारा की गई है, जिन्होंने नर्मदा की पवित्रता, आस्था और साधना में अपने जीवन को समर्पित किया। यहाँ उन प्रमुख संतों और साधकों का परिचय प्रस्तुत है जिन्होंने नर्मदा परिक्रमा कर इस परंपरा को गौरवान्वित किया।

1. ऋषि मार्कण्डेय
परिचय: ऋषि मार्कण्डेय को नर्मदा परिक्रमा का प्रवर्तक माना जाता है। उन्हें नर्मदा के प्रति अत्यधिक श्रद्धा और भक्ति थी।
नर्मदा परिक्रमा: कहा जाता है कि उन्होंने बिना सहायक नदियों को पार किए नर्मदा परिक्रमा की और इस यात्रा को लगभग 45 वर्षों में पूर्ण किया।

2. ऋषि अगस्त्य
परिचय: ऋषि अगस्त्य प्राचीन भारतीय संस्कृति में एक प्रतिष्ठित ऋषि हैं।
नर्मदा परिक्रमा: उन्होंने नर्मदा के तटों पर तपस्या और साधना की, जिससे उनके नर्मदा के प्रति भक्ति और आस्था का परिचय मिलता है।

3. ऋषि वशिष्ठ
परिचय: वशिष्ठ मुनि ने नर्मदा के महत्त्व को समझा और अपने शिष्यों को भी नर्मदा परिक्रमा के लाभ बताए।
नर्मदा परिक्रमा: वे नर्मदा के किनारों पर साधना करते थे और परिक्रमा के महत्त्व का प्रचार-प्रसार किया।

4. दुर्वासा ऋषि
परिचय: क्रोध के लिए प्रसिद्ध दुर्वासा ऋषि ने नर्मदा के तट पर तपस्या की।
नर्मदा परिक्रमा: पौराणिक कथाओं के अनुसार नर्मदा ने उनके क्रोध को शांत करने के लिए उन्हें एक पवित्र स्थान दिया, जिससे उनका नर्मदा परिक्रमा से जुड़ाव माना जाता है।

5. महर्षि परशुराम
परिचय: विष्णु के छठे अवतार माने जाने वाले परशुराम जी का नर्मदा से गहरा संबंध है।
नर्मदा परिक्रमा: उन्होंने अपने क्रोध को शांत करने और आत्मशांति के लिए नर्मदा परिक्रमा की।

6. श्री आदि शंकराचार्य
परिचय: आदि शंकराचार्य ने अद्वैत वेदांत की शिक्षा दी और कई धार्मिक स्थलों की यात्रा की।
नर्मदा परिक्रमा: उनकी परिक्रमा का उल्लेख विभिन्न धार्मिक ग्रंथों में मिलता है।

7. स्वामी विवेकानंद
परिचय: भारतीय संस्कृति और अध्यात्म के महान प्रवक्ता।
नर्मदा परिक्रमा: अपने युवा काल में नर्मदा परिक्रमा की और आध्यात्मिक ज्ञान अर्जित किया।

8. स्वामी अखंडानंद सरस्वती
परिचय: भारतीय संस्कृति और धर्म का प्रचार करने वाले महान संत।
नर्मदा परिक्रमा: इस यात्रा के दौरान उन्होंने तट पर साधना की और उपदेश दिए।

9. महर्षि रमण
परिचय: ध्यान और आत्मज्ञान के मार्गदर्शक।
नर्मदा परिक्रमा: नर्मदा के तट पर तपस्या कर आंतरिक शांति प्राप्त की।

10. स्वामी ब्रह्मानंद
परिचय: प्रसिद्ध योगी और ध्यान साधक।
नर्मदा परिक्रमा: इस यात्रा को उन्होंने आध्यात्मिक साधना का प्रमुख हिस्सा माना।

11. स्वामी कृष्णानंद सरस्वती
परिचय: संत और साधक जिन्होंने संयम और भक्ति का संदेश दिया।
नर्मदा परिक्रमा: यात्रा के दौरान लोगों को भक्ति का महत्व समझाया।

12. स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती
परिचय: शंकराचार्य और संत।
नर्मदा परिक्रमा: इसे अत्यंत पवित्र साधना का रूप माना और शिष्यों के बीच इसे बढ़ावा दिया।

13. संत बालकदास जी
परिचय: नर्मदा के परम भक्त जिन्होंने नर्मदा की सेवा में जीवन बिताया।
नर्मदा परिक्रमा: कई बार परिक्रमा की, जिससे वे नर्मदा परिक्रमा के प्रतीक बने।

14. संत गजानन महाराज
परिचय: चमत्कारी संत और भक्त।
नर्मदा परिक्रमा: इस यात्रा के दौरान उन्होंने कई चमत्कारों का अनुभव किया।

15. स्वामी शिवानंद
परिचय: साधना और ध्यान के मार्ग पर अग्रणी।
नर्मदा परिक्रमा: इस यात्रा को अपने जीवन का अभिन्न अंग माना।

16. संत तुकड़ोजी महाराज
परिचय: भजन और कीर्तन के माध्यम से भारतीय संस्कृति का प्रचारक।
नर्मदा परिक्रमा: यात्रा में नर्मदा की महिमा का गायन किया।

17. बाबा हरदेव सिंह जी
परिचय: महान संत और साधक।
नर्मदा परिक्रमा: इसे जीवन का महत्वपूर्ण अनुभव बताया।

18. संत कंवरराम साहेब
परिचय: सिंधी समाज के प्रमुख संत और गायक।
नर्मदा परिक्रमा: नर्मदा की परिक्रमा कर समाज को आध्यात्मिक संदेश दिया।

19. संत मावजी महाराज
परिचय: राजस्थान के संत और तपस्वी।
नर्मदा परिक्रमा: यात्रा के दौरान अनेक सिद्धियों को प्राप्त किया।

20. पांडुरंग शास्त्री आठवले (दादा जी)
परिचय: स्वाध्याय परिवार के संस्थापक।
नर्मदा परिक्रमा: अनुयायियों के साथ परिक्रमा को साधना का मार्ग माना।

21. माँ आनंदमयी
परिचय: भारतीय अध्यात्म में प्रसिद्ध महिला संत।
नर्मदा परिक्रमा: नर्मदा के तट पर ध्यान किया, परिक्रमा को आस्था का प्रतीक माना।

22. स्वामी रामसुखदास जी महाराज
परिचय: गीता प्रचारक और साधक।
नर्मदा परिक्रमा: इस यात्रा को तपस्या और आत्मशुद्धि का मार्ग बताया।

23. स्वामी करपात्री जी महाराज
परिचय: सन्यासी और हिंदू धर्मविद।
नर्मदा परिक्रमा: नर्मदा के तट पर साधना कर उसे आध्यात्मिक उन्नति का साधन माना।

24. संत सुंदरदास जी
परिचय: वैष्णव संत।
नर्मदा परिक्रमा: इस यात्रा के दौरान भक्ति और संयम का उपदेश दिया।

25. स्वामी मुक्तानंद
परिचय: ध्यान साधना में अग्रणी।
नर्मदा परिक्रमा: यात्रा से गहरी शांति और ज्ञान प्राप्त किया।

26. संत नरसी मेहता
परिचय: गुजराती भक्ति कवि और संत।
नर्मदा परिक्रमा: भजन के माध्यम से नर्मदा की महिमा का प्रचार किया।

27. संत भालचंद्र महाराज
परिचय: तपस्वी और संत।
नर्मदा परिक्रमा: आध्यात्मिक उन्नति के साधन के रूप में इसे अपनाया।

28. संत गंगानाथ
परिचय: नर्मदा के परम भक्त।
नर्मदा परिक्रमा: वर्षों तक तपस्या की और नर्मदा को आत्मा का साथी माना।

29. संत सीतारामदास ओंकारनाथ
परिचय: ओंकारेश्वर में साधना करने वाले संत।
नर्मदा परिक्रमा: नर्मदा के प्रति श्रद्धा से ओंकारेश्वर में ध्यान किया।

30. महर्षि योगेंद्र
परिचय: योग प्रचारक।
नर्मदा परिक्रमा: साधना का मार्ग मानते हुए अनुयायियों के लिए प्रेरणास्रोत बने।

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